Monday 11 September 2017

Kisi Ko Apna Banane Ka Taweez

प्यार एक खुबसूरत सा अहसास होता है परन्तु कई मर्तबा ऐसा होता है की हम जिन्हें चाहते है या जिन्हें बेपनाह मोहब्बत करते है वो हमे कोई अहमियत नहीं देता या फिर आपके महबूब का वालिद वालिदा की रजामंदी नहीं होती | आप लाख कोशिश करते है उन्हें पाने के लिए उन्हें अपनी जिंदगी शरीक करने के लिए परन्तु आप कारगर नहीं हो पाते |
इस्लाम-ए-पाक में ऐसे कई आयत है जिन के बदौलत आप सच्ची मोहब्बत को पा सकते है उनसे निकाह मिकम्मल कर सकते है | आमीन

कोई भी दुआ, वजीफा या अमल खली नहीं जाता बशर्ते आपके अल्फाजो का लहजा सही और नियत नेक हो | वजीफा को अम्लियत में लाने के लिए कुछ तरीके कुछ उसूल होते है | जो भी बंदा नेक नियत से सही से आयतों को अमलीजामा पहनाता है वो इंशाल्लाह कामयाब होता है| आमीन
मौलवी रहीम शेख जी ने अपने कई सालो के तजुर्बे के बदौलत कई लोगो को खुशनुमा जिंदगी मुकम्मल करायी है कई बन्दों को अपने सच्चे प्यार से मिलवा कर उनका निकाह मुकम्मल कराया है | मौलवी जी दुआ में वो शिफा है जिसकी बदौलत हर वो काम जो आपको लगता है नामुमकिन है आसानी से मुकम्मल हुआ है | यह सब अल्लाहताला का ही फ़ज्लो करम है जो मौलवी जी दुआ जल्द ही मुकम्मल होती है |

हर दुआ  को मुकम्मल करने का आसन सा तरीका
कई मर्तबा लोगो को ये रहता है की उनकी दुआ मुकम्मल नहीं होती या कबूल नहीं होती तो उनसे दर्खास्त है की वो कुछ पाक उसूलो की पाबन्दी रखा करे |
1.       5 वक़्त नमाज़ की पाबन्दी किया करे |
2.       दुआ के अव्वल और आखिर में 11 मर्तबा दुरूद शरीफ पढ़ा करे |
3.       कोई भी दुआ करने से पहले 13 मर्तबा बिस्मिल्लाह कहा करे |
4.       कुरान-ए-शरीफ में भी हर सुरह से पहले 113 मर्तबा बिश्मिल्लाह फ़रमाया है |
5.       जो भी अल्लाह का बंदा दुआ करने से पहले 13 मर्तबा बिश्मिल्लाह कहेगा इंशाल्लाह उसकी दुआ जल्द ही कबूल होगी| आमीन
अपनी हर मुश्किलातों के हल के लिए मौलवी जी से करामाती तावीज़ ले |
मुश्किलात केसी भी हो तावीज़ के तिलिस्म से आपकी हर एक मुश्किलात जल्द ही काफूर हो जाएगी |
तावीज़ को लेने और अपनी मुश्किलात को बताने के लिए यहाँ मशवरा करे |
मौलवी रहीम शेख
Call and WhatsApp: - +91-9815359678
Mail: - 786muslimtotke@gmail.com
अब आप अपनी हर मुश्किलात social Media के जरिये भी बता सकते है |

No comments:

Post a Comment