असलाम वालेकुम
ख्वातीनो हज़रात मैं मौलवी रहीम शेख आप सब का इश्त्कबाल करता हूँ| खुदा से ये दुआ करता हूँ आप हमेशा खुश रहे आबाद रहे | आमीन
जो लोग मोहब्बत
करते है उन्हें अल्लाह की रहमत अत्ता होती है | मोहब्बत अल्लाहताला
का दिया हुआ वो नायब तोफा है जिसे अल्लाह ने इस जहान में अपने बन्दों को बक्शा है
| परन्तु कई लोगो का इश्क एक तरफ़ा होता है या फिर वो अपनी मोहब्बत से रूबरू नहीं हो
पते या जिन्हें वो इश्क फरमाते है वो किसी और से इश्क फरमाते है | जिन्हें हम
सच्चे दिल से मोहब्बत करते है हम लाख कोशिश करने पर भी भुला नहीं पाते|
“जिन्हें भूलने
ज़माने लगे जब दिल दुखा वही याद आने लगे”
मुफलसी में तन्हाई
में अक्सर हमे अपनी मोहब्बत याद आ जाती है या जिक्र जब कही हुस्न का हो वही याद
आते है | कई लोग अपनी मोहब्बत को पाने के लिए कई कोशिश करते है और नतीजा सिर्फ
नाकामी हाथ लगती है | ऐसे में आज मैं आपको बताने वाला हूँ एक ऐसा पाक इस्लामिक
वजीफा जिसे करने से आप अपनी मोहब्बत को
अपने आगोश में ले सकते है |
याद रखे की पाक दुआ, अमल, वजीफा
या इस्तिखारा करते वक़्त अल्फाजो की अग्लात ना करे | अगर आपको
अपने लिए दुआ इस्तिखारा करवाना है तो आप मौलवी जी को निचे दिए गए नंबर पर कॉल कर
सकते है |
Contact Detail
Molvi Rahim Sheikh
Call and WhatsApp: - +91-9815359678
Mail: - 786muslimtotke@gmail.com
Mail: - 786muslimtotke@gmail.com
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